स्थानापन्न निदेशक
डॉ अमित प्रशांत 4 जनवरी 2022 से लेकर 2 अक्टूबर 2022 तक भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर में स्थानापन्न निदेशक के पद पर रहे। वे भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर में सिविल अभियांत्रिकी के प्राध्यापक और अनुसंधान व विकास के संकायाध्यक्ष हैं। वे भा॰प्रौ॰सं॰ रूड़की के पूर्व छात्र हैं तथा उन्होंने टेन्नेसी विश्वविद्यालय, नोक्सविले, संयुक्त राज्य अमेरिका से पीएचडी किया है।
डॉ अमित प्रशांत ने भा॰प्रौ॰सं॰ रूड़की से 1997 में अपनी अभियांत्रिकी की स्नातक उपाधि ग्रहण की। दो वर्षों के अपने परामर्शदाता के अनुभव के बाद वे उच्च अध्ययन के लिए क्लार्क्सन विवि, न्यू यॉर्क और नोक्सविले के टेन्नेसी विश्वविद्यालय चले गए। अपना डॉक्टोरल अध्ययन पूर्ण करने और एक वर्ष के पोस्ट डॉक्टोरल अनुसंधान के बाद वे 2005-2010 के बीच भा॰प्रौ॰सं॰ कानपुर में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्यरत रहे। इसके बाद वे 2010 में भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर आ गए। वे एसयूजीसी, भा॰प्रौ॰सं॰ कानपुर के अध्यक्ष के रूप में शैक्षणिक प्रशासन में सक्रिय रूप से संलग्न थे तथा भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर में छः वर्षों तक शैक्षणिक मामले के संकायाध्यक्ष पद पर रहे।
उनकी शोध रुचि मृदा के वैधानिक प्रतिरूपण, भूकंप जियोतकनीकी अभियांत्रिकी तथा जियोसिंथेटिक्स अनुप्रयोगों में है जिसमें प्रयोगात्मक जांच और सांख्यिकी प्रतिरूपण शामिल हैं। उनकी क्षेत्रीय परियोजनाएं पहाड़ी ढलान, खुदाई, नहरें, राख बांध, पुल की नींव, बैराज आदि से संबंधित होती हैं। उन्होंने भूकंप अभियांत्रिकी, एफईएम और भू-तकनीकी जांच में कई उद्योग पाठ्यक्रम संचालित किए हैं, जो काफी लोकप्रिय रहे हैं। वे पिछले छः सालों से देश के अभियांत्रिकी विद्यालयों के लिए भारत सरकार की टीईक्यूआईपी योजना के तहत संकाय विकास कार्यक्रम संयोजित कर रहे हैं।