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भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर अभियांत्रिकी विषय व उसके परे की शिक्षा; वैश्विक चुनौतियों से लड़ने वाले अत्याधुनिक शोध; तथा समाज को अपनी सेवाएं सौंपने के अपने समग्र दृष्टिकोण के लिए प्रतिबद्ध है।
हमारी उपलब्धियों में शामिल हैंः
students first policies
कैरियर | छात्र जीवन | सहयोग | भेंट
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शिक्षा
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर पूरे भारत में अपने पाठ्यक्रम में बेजोड़ नवाचारों के साथ ही स्नातक पूर्व की और स्नातक पाठ्यक्रम की शिक्षा का एक विशेष अनुभव प्रदान करता है। हम अपने छात्र-केंद्रित दर्शन पर गर्व करते हैं जिसके फलस्वरूप छात्रों के लिए एक सुरक्षित, पोशक और सशक्त वातावरण तैयार होता है। संस्थान उदार कलाओं, परियोजना उन्मुख शिक्षा, डिजाइन में अनिवार्य पाठ्यक्रम तथा जीवन विज्ञान, विविधता और वैश्वीकरण पर जोर देने के साथ महत्वपूर्ण सोच और ज्ञान के अंतःविषय चरित्र की सराहना को बढ़ावा देता है।
अभियांत्रिकी शिक्षा में नवाचारों के लिए विश्व शिक्षा शिखर सम्मेलन द्वारा सभी नए स्नातक छात्रों के लिए पांच सप्ताह के फाउन्डेशन कार्यक्रम को विश्व शिक्षा पुरस्कार 2013 से सम्मानित किया गया। हमारे 40% से अधिक छात्र हमारे साथ अपने शैक्षणिक करियर के दौरान विदेश में अध्ययन का अनुभव प्राप्त करते हैं। हम विज्ञान, प्रौद्योगिकी, साथ ही साथ मानविकी और सामाजिक विज्ञान में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और बुद्धि के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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अनुसंधान
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर अपनी अनुसंधान गतिविधियों में अंतःविषयता को प्रोत्साहित करता है। हमारे पास अंतःविषय केंद्र हैं जहां सभी विषयों के लोग शोध करने के लिए एक साथ काम करते हैं और वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करते हैं जिससे समाज बड़े पैमाने पर प्रभावित होता है। उदाहरण के तौर पर जैसे हमारा जीवचिकित्सीय अभियांत्रिकी केंद्र स्वचालित पुनर्स्थापन व प्रोस्थेटिक तकनीक का विकास कर रहा है जहां रोबोटिक्स, चिकित्सा व इलेक्ट्रोनिक्स क्षेत्र के व्यक्ति साथ कार्य करते हैं।
हमारे शोधकर्ताओं में संकाय सदस्य, अभ्यागत विद्वान, पोस्ट-डॉक्टोरल फेलो, अवरस्नातक व अधिस्नातक छात्र शामिल हैं। वे हमारे संस्थान, मान्यता प्राप्त संस्थानों तथा अन्य शोध संस्थानों के साथ सहभागिता में कार्य करते हैं। हमारा उद्देश्य भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर को विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा मानविकी का एक उच्च अधिगम संस्थान बनाना है जहां समाज की आवश्यकताओं के अनुसार वैज्ञानिकों, अभियंताओं, नेताओं, तथा उद्यमियों का विकास होगा।
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आउटरीच
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान गांधीनगर समुदाय का एक शामिल सदस्य और एक अच्छा पड़ोसी होने में विश्वास करता है। यह उस समुदाय के साथ जुड़ने में विश्वास करता है जिसका यह एक हिस्सा है। हमारी उपस्थिति का न केवल उन लोगों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ना चाहिए जो औपचारिक रूप से संस्थान का हिस्सा हैं, बल्कि उन पर भी जो हमारे चारों ओर हैं और जिनका जीवन संस्थान की उपस्थिति से प्रभावित होता है। एक शिक्षक के रूप में, हम चाहेंगे कि विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्तियों तथा मौलिक सुविधाओं से वंचित व्यक्तियों के बीच ज्ञान तथा संचार की दूरियों को हम कम कर पाएं।
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर सक्रिय रूप से औपचारिक तथा अनौपचारिक पहल, आउटरीच गतिविधियों, तथा शैक्षणिक संलग्नता में योगदान प्रदान करता है। हमारी पहलों में न्यासा (निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षण सहयोग देना) तथा एनईईवी (उद्यमशीलता और कौशल प्रशिक्षण पर ध्यान देने के साथ कार्यबल विकास के माध्यम से जमीनी स्तर के समुदायों को सशक्त बनाना) शामिल हैं।
एक पुरस्कार-विजेता परिसर
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर की स्थापना वर्ष 2008 में साबरमती नदी के तट पर पालज, गांधीनगर, गुजरात में हुई थी। भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर को परिसर के पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव छोड़ने के लिए ग्रिहा एलडी (हरित) की भारत की प्रथम 5-सितारा रेटिंग प्राप्त हुई। संस्थान को आहार सुरक्षा व स्वस्थ भोजन सुविधा को प्रोत्साहित करने के लिए भी भारत की प्रथम 5-सितारा रेटिंग प्राप्त हुई है।
संस्थान में निर्माण गतिविधियों में संलग्न कर्मचारियों की सुरक्षा के सर्वश्रेष्ठ मानकों का उपयोग होता है। इस संदर्भ में भा॰प्रौ॰सं॰ परिषद ने घोषणा की कि भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर (श्रम कल्याण और सामुदायिक आउटरीच) की अनुकरणीय प्रथाओं को सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में प्रस्तावित किया जाना चाहिए।
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पहले छात्र
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर अपने छात्रों को सबसे अनोखी पहलों के माध्यम से उन्हें सशक्त बनाता है, जैसे फाउन्डेशन कार्यक्रम, इनवेंट@आईआईटीजीएन व समन्वेषक अध्येतावृत्ति; अत्यंत लचीली विधा परिवर्तन नीति; पाठ्यक्रम में सुगमता, नेतृत्व, स्व-शासन, आधुनिक अनुसंधान तथा विविध कैरियर अवसर जिसमें नियुक्तियों के लिए मज़बूत सहयोग तथा एक सक्रिय उद्भवन केंद्र शामिल हैं।
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अनुसंधान में उत्कृष्टता
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर में हो रहा अनुसंधान व्यापक रूप से विश्व की वास्तविक चुनौतियों और मौलिक महत्व के मुद्दों से प्रेरित है। इसके साथ ही, हमारे अंतःविषय उत्कृष्टता केंद्र, अंतर संस्थागत साझेदारियां, और जीवंत अभ्यागत संकाय कार्यक्रम से हमारा शोध और समृद्ध होता है जिससे हम अधिक महत्वाकांक्षी समस्याओं तक पहुंच पाते हैं जिनमें आंतरिक रूप से अंतर विषयक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है।
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परिसर नियुक्तियों के परे
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर केवल छात्रों को उच्च-वेतन पैकेज प्रदान करने पर केंद्रित नहीं है - शिक्षा के लिए हमारा समग्र दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि हमारे छात्र न केवल विकसित समस्या-समाधान कौशल वाले विश्व स्तरीय अभियंताओं के रूप में स्नातक हों, बल्कि वे ऐसे विचारक बनकर निकलें जो समाज और उसके मुद्दों के बारे में एक समग्र दृष्टिकोण भी रखते हों।
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वैश्वीकरण
जीवंत विदेश अध्ययन (अमरीकी विश्वविद्यालयों में औसत से तीन गुना) तथा अधिकतर सभी महाद्वीपों के प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में स्थापित अपने अभ्यागत संकाय विनिमय कार्यक्रम के साथ भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर भारत के सबसे अधिक वैश्वीकृत परिसरों में से एक है।
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पुरस्कार विजेता परिसर
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर को उसके अभिकल्पन सौंदर्य, ऊर्जा बचत, तथा हरित पहल और निर्माण श्रमिकों के लिए उठाए गए सुरक्षा पहल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी गई है। यह संस्थान पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भारत का पहला पांच सितारा हरित परिसर है तथा इसे एफएसएसएआई की ओर से भारत की प्रथम ईट राइट परिसर पुरस्कार की पांच सितारा रेटिंग प्राप्त है।
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आउटरीच गतिविधियां
भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर छात्रों को स्थानीय समुदाय में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है और औपचारिक और अनौपचारिक पहल, आउटरीच गतिविधियों (एनईईवी) और शैक्षिक जुड़ाव के माध्यम से जमीनी स्तर पर योगदान करने के तरीके खोजता है। भा॰प्रौ॰सं॰ परिषद ने अपने निर्माण श्रमिकों के लिए भा॰प्रौ॰सं॰ गांधीनगर की पहल की पहचान महत्वपूर्ण बिंदुओं के रूप में की है जिसका सभी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों द्वारा पालन किया जाना चाहिए।