संकायाध्यक्ष का संदेश
प्रिय विद्यार्थियों,
छात्र मामलों की टीम भा.प्रौ.सं गांधीनगर की उत्कृष्ट व अनूठी यात्रा का हिस्सा बनने के लिए आपका स्वागत करती है। हम अपने दृष्टिकोण में उदार, बातचीत में अनौपचारिक और अपने मूल्यों पर समझौता नहीं करते हैं। हम असफलताओं के खिलाफ नहीं हैं लेकिन हम उनसे निराश भी नहीं होते। हम आपके सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए आपका समर्थन करते हैं। हम आपको दृढ़ विश्वास व अपना मत रखने के लिए प्रोत्साहित करते हैं; निर्णय लें और इसके लिए जिम्मेदार हों।
हम पाठ्यचर्या, सह-पाठयक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों में नई पहल और प्रयोगों को बढ़ावा देते हैं। भा.प्रौ.सं गांधीनगर में छात्र जीवन की कुछ नई पहलें व महत्वपूर्ण पहलू निम्नलिखित हैं।
हम छात्रों को जिम्मेदार वयस्कों के रूप में मानते हैं जो अपने आप निर्णय लेने में सक्षम हैं।
भा.प्रौ.सं गांधीनगर के छात्र "सम्मान कोड" से बंधे हैं, जिसकी कल्पना और अधिनियमन स्वयं छात्रों ने की है।
सभी छात्रों को उनकी चिंताओं को समझने व उनके समाधान के लिए संकाय और संस्थान के परामर्शदाता के एक पैनल के साथ प्रत्येक सत्रार्धपर चर्चा के लिए औपचारिक रूप से आमंत्रित किया जाता है।
छात्र मामलों से संबंधित सभी निर्णयों में छात्र सहभागी होते हैं। छात्र मामलों की सीनेट समिति, जो छात्र मामलों के निर्णयों के लिए जिम्मेदार है, में चार छात्र सदस्य होते हैं।
ओसीईओ कार्यक्रम छात्रों को आत्मनिर्भर होने और अपने स्वयं के खर्चों को पूरा करने की अनुमति देता है।
संस्थान न केवल पाठ्यचर्या और पाठ्येतर उपलब्धियों के लिए बल्कि अनुकरणीय मानवीय गुणों के लिए भी पुरस्कार प्रदान करता
है।
35% से अधिक छात्र किसी प्रकार के अंतर्राष्ट्रीय अनुभव के साथ स्नातक हैं।
अनौपचारिक संकाय-छात्र संपर्क को बढ़ावा देने के लिए मंच और कार्यक्रम बनाए जाते हैं।
संस्थान के पास पाठ्यक्रम, सह-पाठयक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों के लिए अपने खर्चों को पूरा करने के लिए जरूरतमंद छात्रों को वित्तीय सहायता के लिए पर्याप्त प्रावधान हैं।
हम आपकी भलाई के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि आपके पास समग्र विकास के अवसर हों। कठोर शैक्षणिक प्रशिक्षण के साथ-साथ आपको अभिनव सह-पाठयक्रम और पाठ्येतर गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। मेरी टीम हमें 24x7 सुलभ बनाने के आपके सभी प्रयासों में आपकी सहायता करेगी। मैं आप सभी को भा.प्रौ.सं गांधीनगर में शानदार अनुभव और इस संस्थान के मूल्यों को आगे बढ़ाने की कामना करती हूं।